
छत्तीसगढ़। भिलाई नगर। श्रीराम जन्मोत्सव समिति भिलाई द्वारा आयोजित श्रीरामनवमी के भव्य 40वें वर्ष के आयोजन में आज पूरी इस्पातनगरी भगवामय हो गयी। चारों दिशाओं से हजारों की संख्या में भगवा ध्वज और जय श्रीराम के नारों के साथ उत्साह से ओतप्रोत रामभक्त श्रीरामलीला मैदान पावर हाउस पहुंचे। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने जनसहयोग से बने महाप्रसाद को ग्रहण किया, वहीं लेजर लाईट शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा आकर्षक स्वचलित झांकियों का भी आनंद लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष. छ.ग. शासन, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समिति के संरक्षक व पूर्व विस अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अतिविशिष्ट अतिथि विजय बघेल दुर्ग सांसद, विशिष्ट अतिथि डॉ. हिमांशु द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार ने सभा को संबोधित किया। वहीं मुख्य वक्ता बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी श्री पाटेश्वर धाम जिला बालोद छत्तीसगढ़ ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया।
प्रभु श्रीराम के तैलचित्र पर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई, तत्पश्चात हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान विभिन्न प्रखण्डों से आने वाली झांकियां एवं शोभायात्राएं सभास्थल पर पहुंची। सभास्थल पर रामभक्तों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रामभक्त सम्मिलित हुए। वहीं भिलाई के प्रत्येक घर से संग्रहित अन्न से बने महाप्रसाद को ग्रहण करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु सभास्थल पर पहुंचे। जनसहयोग से बने प्रभु के जन्मोत्सव के इस महाप्रसाद भिलाईवासियों ने ग्रहण किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित चालीसवें वार्षिक कार्यक्रम ने भक्ति, प्रेरणा और सामाजिक एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। इस आयोजन में समिति के संरक्षक प्रेम प्रकाश पांडे की टीम को विशेष बधाई और शुभकामनाएँ दी गईं, जिन्होंने चार दशकों से इस भक्तिमय वातावरण को बनाए रखा है। यह कार्यक्रम न केवल भिलाईवासियों, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी जोड़ने में सफल रहा है। उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के संघर्ष, त्याग और मर्यादा के आदर्शों पर प्रकाश डाला। श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा पाँच सौ वर्षों का विशेष रूप से युवा पीढ़ी को तिलक या धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए असहजता का अनुभव होता था। लेकिन समाज में बढ़ती जागरूकता और प्रयासों ने इस सोच में परिवर्तन लाया। उन्होंनो धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताओं के महत्व पर प्रकाश डाला।और लोगों को भक्तिमय वातावरण से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में भगवा झंडा लहराते हुए युवाओं और बच्चों ने भक्ति और उत्साह का प्रदर्शन किया। इस आय़ोजन से सनातन धर्म के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है और यह भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए यह आयोजन प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। कार्यक्रम का मुख्य संदेश यह था कि भगवान श्रीराम के गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करें और समाज में सद्भावना और प्रेम का प्रसार करें।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने प्रभु श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके गुणों को आत्मसात करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि श्रीराम का जीवन संघर्ष, त्याग और तपस्या का प्रतीक है। राम कथा केवल राज्यसत्ता के संघर्ष की कथा नहीं है, बल्कि यह भाईचारे, प्रेम और त्याग की अद्वितीय मिसाल है। उन्होंने वर्तमान समाज में बढ़ती स्वार्थपरता और पारिवारिक विघटन पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज लोग थोड़ी-सी संपत्ति के लिए अपने ही परिवार के सदस्यों के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। ऐसे में राम कथा से प्रेरणा लेकर हमें अपने जीवन में भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देना चाहिए। डॉ. द्विवेदी ने कहा कि श्रीरामनवमी के इस भव्य कार्यक्रम का मुख्य संदेश यह है कि राम जन्मोत्सव केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह अपने अंदर संकल्प लेने का अवसर है। यदि हम श्रीराम के किसी एक गुण को अपने जीवन में धारण कर सकें, तो यह आयोजन सफल होगा।उन्होंने श्रीरामलला और माता कौशल्या के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। यह बताया गया कि आने वाले साल, 2026 तक, भगवान श्रीरामलला और माता कौशल्या की पूजा अर्चना छत्तीसगढ़ के 36,000 मंदिरों में की जाएगी। उन्होंने कहा कि 40 वर्षों से आयोजित यह आयोजन धार्मिक समरसता और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन चुका है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में एकता और भाईचारे का संदेश जाता है।
अध्यक्ष मनीष पांडे ने श्रीरामनवमी के आयोजन के 40वें वर्ष का जिक्र किया। 1986 से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम में प्रारंभिक वर्षों में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिनअब यह आयोजन भिलाई और आसपास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन में से एक बन गया है। इस आयोजन में 1150 से अधिक मंदिरों से भक्तजन सम्मिलित होते हैं और श्रीरामलीला मैदान में इसका आयोजन होता है। इस कार्यक्रम का आयोजन समिति द्वारा किया जाता है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य को निरंतरता से चल रहा है। उन्होंने कहा कि श्रीरामनवमी का यह आयोजन भिलाई में एकता और धार्मिक भावना को मजबूत बनाने का काम करता है, जहां लोग एक धागे में बंधे हुए दिखाई देते हैं। इस आयोजन के माध्यम से सनातन धर्म की परंपराओं को संजोए रखने का प्रयास किया जाता है। यह आयोजन भिलाई के लिए एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में देखा जाता है और हर वर्ष इसे बड़े
कार्यक्रम में कार्यक्रम में वैशालीनगर विधायक रिकेश सेन, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव, जिला भाजपा अध्यक्ष पुरूषोत्तम देवांगन, श्रीमति तुलसी साहू, छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज सहित समिति के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश माने, प्रांतीय महामंत्री बुद्धन ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, जिलाध्यक्ष मदन सेन मुख्य रूप से उपस्थित थे।